अपर आयुक्त ताजबर सिंह ने राज्य में दवाओं की गुणवत्ता में सुधार को निर्माण इकाइयों में निरंतर निरीक्षण व सुधार कार्य करने के निर्देश किए है जारी…..सीनियर ड्रग इंस्पेक्टर अनीता भारती ने टीम के साथ सिडकुल की नेपुर फार्मा कंपनी का किया निरीक्षण…..

एफडीए अपर आयुक्त ताजबर सिंह के आदेशानुसार दवाओं की गुणवत्ता सुधार हेतु निरंतर कार्रवाई जारी

अपर आयुक्त ताजबर सिंह द्वारा राज्य में दवाओं की गुणवत्ता में सुधार हेतु निर्माण इकाइयों में निरंतर निरीक्षण व सुधार कार्य करने के निर्देश जारी किए गए हैं। इन्हीं निर्देशों के क्रम में सीनियर ड्रग इंस्पेक्टर हरिद्वार श्रीमती अनीता भारती द्वारा टीम के साथ निरंतर फार्मा कंपनियों एवं मेडिकल स्टोर्स का निरीक्षण किया जा रहा है।

इसी क्रम में आज सीडीएससीओ व स्टेट इंस्पेक्टर द्वारा दो निर्माण इकाइयों का निरीक्षण किया गया, जिसमें सिदकुल मै स्थित नेपुर फार्मा कंपनी, जिस पर पिछले माह कमियों के कारण उत्पादन पर रोक लगाई गई थी, का पुनः निरीक्षण किया गया समस्त कमिया दूर करने पर ही उत्पादन करने की अनुमति दी जाएगी। इसके अतिरिक्त ग्रोनवेरी कंपनी का निरीक्षण डब्ल्यूएचओ मानकों एवं निर्माण गुणवत्ता के आधार पर निर्यात के उद्देश्य से किया गया। निरीक्षण के दौरान पाई गई छोटी-मोटी कमियों को दूर करने की प्रक्रिया जारी है, जिसके पश्चात कंपनी अन्य देशों में दवाओं के निर्यात हेतु प्रमाणपत्र प्राप्त कर सकेगी।

अपर आयुक्त का कहना है कि उत्तराखंड में औद्योगिक क्षेत्र में दवाओं के निर्माण कार्य में कंपनियों को हर संभव सुधार करते हुए गुणवत्तापूर्ण दवाओं का उत्पादन करना होगा। एफडीए की ‘शून्य सहनशीलता नीति’ के तहत यदि किसी कंपनी द्वारा निम्न गुणवत्ता की दवाओं का निर्माण किया गया, तो उसके विरुद्ध प्रशासनिक व कानूनी कार्यवाही की जाएगी। चूंकि हरिद्वार एक ऐसा जनपद है, जहां सर्वाधिक निर्माण इकाइयां स्थित हैं, अतः यहां प्रतिदिन निर्माण इकाइयों का निरीक्षण किया जा रहा है। साथ ही, अधिक से अधिक कंपनियों से डब्ल्यूएचओ व अन्य बड़े देशों में मानक दवाओं का निर्यात हो, इस दिशा में भी कार्य किया जा रहा है।

जनपद हरिद्वार में वर्तमान में लगभग 7% कंपनियां डब्ल्यूएचओ सर्टिफाइड हैं, शेष कंपनियों को भी उच्चतम मानकों तक ले जाने हेतु सुधार कार्य निरंतर जारी है।

इसी क्रम में टीम द्वारा ज्वालापुर क्षेत्र में थोक विक्रेताओं का भी निरीक्षण किया गया तथा जांच हेतु 3 दवाओं के नमूने एकत्रित किए गए। सभी दवा विक्रेताओं को यह सुनिश्चित करना होगा कि किसी भी अज्ञात व्यक्ति अथवा बिना लाइसेंस प्राप्त व्यक्ति से दवाएं बिना बिल या इनवॉइस के न खरीदें, अन्यथा नकली दवाओं के कारोबार को बढ़ावा मिल सकता है। इस दिशा में कार्यवाही निरंतर जारी है।

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