उत्तराखंड की प्रदेश सरकार ने जनता के स्वास्थ्य और उनकी जीवन रक्षा को प्राथमिकता देते हुए इस बार की कांवड़ यात्रा रद्द करने का लिया निर्णय…..

हरिद्वार। उत्तराखण्ड सरकार ने करोड़ों शिवभक्तों को इस बार फिर से झटका दिया है।मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कांवङ यात्रा के संबंध में सचिवालय में वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की। बैठक में कोविड के डेल्टा प्लस वैरियेन्ट के पाये जाने, कोविड की तीसरी लहर की आशंका और देश-विदेश में इसके दुष्प्रभावों पर गहन विचार-विमर्श किया गया।

आपको बता दे हर साल सावन के महीने में भारत के विभिन्न राज्यों से शिवभक्त हरिद्वार में गंगा जल भरने आते हैं, लेकिन वर्ष 2020 में कोरोना वायरस के कारण कांवड़ यात्रा रद्द कर दी गई थी। करो़ड़ों शिवभक्तों को उम्मीद थी कि वर्ष 2021 में कांवड़ यात्रा होगी और फिर से धर्मनगरी हरिद्वार बम बम भोले के उद्घोषों से गूंज उठेगी, लेकिन इस बार कांवड़ यात्रा को लेकर सरकार ही असमंजस में रही। ऐसे में उत्तर प्रदेश सरकार ने कांवड़ यात्रा को मंजूरी देकर उत्तराखंड सरकार की परेशानी को और बढ़ा दिया, किंतु उत्तराखंड की प्रदेश सरकार ने जनता के स्वास्थ्य और उनकी जीवन रक्षा को प्राथमिकता देते हुए इस बार की कांवड़ यात्रा रद्द करने का निर्णय लिया है। ऐसे में अब 2021 में भी कांवड़ यात्रा नहीं होगी और करोड़ों शिवभक्तों को मायूस होना पड़ेगा।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कांवङ यात्रा के संबंध में सचिवालय में वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की। बैठक में कोविड के डेल्टा प्लस वैरियेन्ट के पाये जाने, कोविड की तीसरी लहर की आशंका और देश-विदेश में इसके दुष्प्रभावों पर गहन विचार-विमर्श किया गया। इस संबंध में विशेषज्ञों की राय पर भी विचार किया गया। मनुष्य जीवन की रक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए आगामी काँवड़ यात्रा को स्थगित रखने का निर्णय लिया गया।मुख्यमंत्री ने सचिव गृह और पुलिस महानिदेशक को यथोचित कार्यवाही करने के निर्देश दिये। यह भी निर्देश दिए कि पड़ोसी राज्यों के अधिकारियों से समन्वय स्थापित करते हुए प्रभावी कार्यवाही हेतु अनुरोध किया जाय, ताकि वैश्विक माहमारी को रोकने में सफल हो सकें।उत्तराखंड की प्रदेश सरकार ने जनता के स्वास्थ्य और उनकी जीवन रक्षा को प्राथमिकता देते हुए इस बार की कांवड़ यात्रा रद्द करने का निर्णय लिया है। ऐसे में अब 2021 में भी कांवड़ यात्रा नहीं होगी और करोड़ों शिवभक्तों को मायूस होना पड़ेगा।

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