सिडकुल की फैक्ट्रियों से केमिकल युक्त पानी आने से लोगों मेंरोष……ग्रामीणों ने प्रदूषित जल से खेती व जीव जंतुओं को खतरा बताते हुए प्रदूषण नियंत्रण विभाग के अधिकारियों से कि शिकायत…..

सितारगंज सिडकुल रोड के ग्राम बरुआ बाग से गुजरने वाली सिचाई नहर मैं फैक्ट्रियों का प्रदूषित पानी छोड़े जाने के कारण नहर का पानी जहरीला हो गया है। नहर में मिले केमिकलयुक्त पानी से जगह-जगह पर नहर झाग से भर गई है। इससे ग्रामीण आक्रोशित हो गए। ग्रामीणों ने इस प्रदूषित जल से खेती व जीव जंतुओं को खतरा बताते हुए अपना विरोध व्यक्त कर प्रदूषण नियंत्रण विभाग के अधिकारियों से इसकी शिकायत की। सितारगंज से सिसोना के सामाजिक कार्यकर्ता हरजीत सिंह व ग्रामीणों ने शासन प्रशासन से मांग की है कि जल्द से जल्द केमिकल युक्त पानी को रोका जाए और कंपनियां वाटर ट्रीटमेंट प्लांट लगाकर शुद्ध पानी ही नहरो में छोड़े।

आपको बताते हुए चलें। कि हर वर्ष बरसातों में ही नहरों में दूषित पानी से झाग बनते हुए देखा जाता है जबकि सितारगंज स्थित सिडकुल में जिंदल वाटर ट्रीटमेंट का प्लांट लगाने के बाद भी प्रदूषित पानी नहरो में कैसे आ रहा है सिसौना के सामाजिक कार्यकर्ता हरजीत सिंह ने कंपनी प्रशासन पर आरोप लगाते हुए कहा है कि यदि समय रहते हुए इस समस्या का समाधान नहीं किया जाता है तो क्षेत्रवासी कंपनी में तालाबंदी करेंगे गौरतलब है कि पिछले 5 वर्षों से क्षेत्रवासी इस दूषित पानी की समस्या से जूझ रहे हैं डेढ़ सौ से ज्यादा जानवरों की इस दूषित पानी को पीने से मौत हो गई थी आखिरकार सिडकुल स्थित वाटर ट्रीटमेंट कंपनी द्वारा जहरीले पानी को शुद्ध किया जाता है व पीने योग्य बना कर ही नहरों में छोड़ा जाता है आखिर क्या कारण है कि प्रदूषित पानी को नहरों में बहते हुए देखने को मिल रहा है कहीं ना कहीं वाटर ट्रीटमेंट कंपनी के नाम से यह कंपनी क्षेत्रवासियों की जान से खिलवाड़ तो नहीं कर रही है अब देखने वाली बात है कि शासन प्रशासन इस गंभीर समस्या का समाधान करता है कि नहीं।

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