बुराई पर अच्छाई की जीत का पर्व विजयदशमी धर्मनगरी के शहरी और देहात क्षेत्रों में धूमधाम से मनाकर… जगह-जगह रावण और कुंभकरण के पुतले किए गए दहन….

हरिद्वार:–विजयदशमी का पर्व बुराई पर अच्छाई की जीत का पर्व विजयदशमी धर्मनगरी और देहात क्षेत्रों में धूमधाम से मनाया गया। जगह-जगह रावण और कुंभकरण के पुतले दहन किए जा रहे है। इस मौके पर लोगों ने एक-दूसरे को दशहरे की शुभकामनाएं भी दी। शुक्रवार को दशहरा पर्व पर जगह-जगह रावण और कुंभकरण के पुतले सजाए गए थे। जिसे देखने के लिए बड़ी संख्या में लोग पहुंचे। दूधाधारी चौक, भीमगोड़ा व भेल परिसर में रावण दहन के साथ ही मेले का आयोजन भी किया गया था। कोरोनाकाल के दो साल बाद इस बार विजयदशमी पर्व धूमधाम से मनाया गया।

रावण दहन से पहले से मैदान खचाखच भर गए। शाम को भगवान श्रीराम ने अग्नि बाण चलाकर अधर्म पर धर्म और असत्य पर सत्य की विजय स्वरूप पुतलों का दहन किया। पंतद्वीप मैदान में रावण और कुंभकरण के पुतले को जलाया गया। श्री रामलीला समिति भूपतवाला की ओर से दूधाधारी चौक के निकट मोतीचूर के मैदान में भव्य दशहरा महोत्सव का आयोजन किया। इसके अलावा पुल जटवाड़ा, पंतद्वीप, भेल सेक्टर एक सेक्टर चार, कृष्णा नगर, शिवालिक नगर, वाल्मीकि बस्ती ज्वालापुर आदि स्थानों पर रावण के पुतले का दहन हुआ। पुतले के दहन से पहले राम-रावण युद्ध, अहिरावण, हनुमान संवाद, मकर ध्वज, हनुमान भेंट जैसे प्रसंगों को मेले के मैदान पर मंचन किया। इस दौरान आकर्षक अतिशबाजी का नजारा भी देखने को मिला।

बुराई पर अच्छाई की जीत का पर्व विजयदशमी धर्मनगरी और देहात क्षेत्रों में धूमधाम से मनाया गया। जगह-जगह रावण और कुंभकरण के पुतले दहन किए गए।


हरिद्वार: जिला कारागार में दशहरा पर रावण दहन किया गया। जेल के भीतर कैदियों, बंदियों और जेल स्टाफ ने
मिलकर रावण का पुतला तैयार किया। मुख्य अतिथि के तौर पर जेल पहुंचे महामंडलेश्वर रुपेंद्र प्रकाश महाराज ने रामलीला मंचन और रावण का पुतला तैया करने वाले बंदियों और कैदियों का उत्साहवर्द्धन किया। उन्होंने जेल में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी, नवरात्र और रामलीला मंचन जैसे आयोजन करने पर वरिष्ठ अधीक्षक मनोज आर्य के प्रयासों की सराहना की। वरिष्ठ अधीक्षक मनोज कुमार आर्य ने कैदियों को बताया कि ज्ञानी राजा होने और सोने की लंका होने के बावजूद अपने अहंकार और बुरे कार्यों के के कारण रावण को पराजित होना पड़ा। जेल में पहली बार रावण दहन होने से कैदियों में जबरदस्त उल्लास रहा। रावण और कुंभकरण के पुतले दहन किए गए।

बुराई पर अच्छाई की जीत का पर्व विजयदशमी धर्मनगरी और देहात क्षेत्रों में धूमधाम से मनाया गया। जगह-जगह रावण और कुंभकरण के पुतले दहन किए गए।

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